आकस्मिक निरीक्षण करने सिविल अस्पताल पहुचे सिरमौर एसडीएम
एक्सपायरी डेट की दवाइयां सहित अवस्थाओं को देख बीएमओ को मौके मे दिया नोटिस।
कर्मचारियो में मचा हड़कंप।
सिरमौर/ सिरमौर एसडीएम आर के सिन्हा ने पदभार ग्रहण करते ही राजस्व अनुभाग क्षेत्र की व्यवस्था को दुरुस्त करने जुट गए है जहा पर उन्होंने सोमवार को आकस्मिक निरीक्षण करने सिरमौर सिविल अस्पताल पहुंचे।
लगातार शिकायते आ रही थी कि अस्पताल के अंदर व्यवस्था ठीक नहीं है वहा पदस्थ डाक्टर अपने अपने क्लिनिक में मस्त रहते है तथा बीएमओ प्रशांत शुक्ला हमेशा नदारत रहते है बीएमओ के निष्क्रिय रवैये के चलते सभी कर्मचारी मनमानी पर उतारू रहते थे जिस बजह स गरीब मरीजो को प्राइवेट अस्पतालों का सहारा लेना पड़ता था। जिसको संज्ञान में लेते हुए नवागत एसडीएम आरके सिन्हा ने अपने टीम के साथ सिविल अस्पताल सिरमौर पहुंचे। वहां पर दवाइयां के स्टाक को चेक किया साथ ही दवाइयो की एक्सपायरी भी चेक की।
कुछ दवाइयां एक्सपायरी डेट की भी मिलने की खबर सामने आई।
वहीं दूसरी ओर मरीजो के उपचार को लेकर व्यवस्था देखी गयी लेकिन व्यवस्था नही दिखी। मरीजो के उपचार सहित अन्य सुविधा को लेकर सम्बंधित डाक्टरो को आवश्यक निर्देश दिए। साथ ही एसडीएम ने मौजूद बीएमओ को निर्देशित किया कि अस्पताल की साफ सफाई की व्यवस्था में गड़बड़ी नही होनी चाहिए, साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें एवं मरीजो के लिए शासन के द्वारा मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाएं सहित सभी आवश्यक सुविधाएं मिले। वर्ना सख्त कार्यवाही की जायेगी।
निरीक्षण के दौरान एसडीएम ने लैट्रिन बाथरूम, दीवारों एवं फर्श में गंदगी को लेकर अस्पताल प्रबंधक को फटकार लगाई।
*अस्पताल निरीक्षण दौरान किचन मे भी मिली गन्दगी, मौके मे जारी किये नोटिस*।
एसडीएम आरके सिन्हा ने अस्पताल का निरीक्षण करते-करते अस्पताल के किचन में भी पहुंचे जहां पर मरीजो के लिए खाने की व्यवस्था रहती है वहां पर देखा गया कि जिस किचन में खाना बनता है वहां काफी गंदगी बनी हुई है। बर्तनों में धूल जमे हुए है किचन के अंदर रखे हुए खाद्य पदार्थ में भी धूल जमी हुई थी बर्तन पूरी तरह से गंदे थे जिससे कि मरीजो को मिलने वाले खाना गुणवत्ताविहीन कहा जा सकता है ऐसी स्थिति में मरीजों को स्वास्थ्य ठीक होने की जगह मरीज और बीमार हो सकते है। वही एसडीएम ने अस्पताल के बीएमओ को फटकार लगाते हुए कहा कि ऐसा काम नहीं चलेगा व्यवस्थाओं में ध्यान दे। इस दौरान एक नोटिस भी बीएमओ को जारी किया गया।
अब देखना यही होगा कि क्या सिरमौर सिविल अस्पताल के बीएमओ में कोई फर्क पड़ेगा या यूं ही पहले की भांति चलता रहेगा।